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आयकर रिटर्न: आयकर रिटर्न (आईटीआर) दाखिल करना एक कानूनी प्रक्रिया है जिसे हर किसी को पूरा करना होता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि आपको व्यक्ति की मृत्यु के बाद भी आईटीआर दाखिल करना पड़ सकता है? जी हाँ, अगर ऐसा नहीं किया जाता है, तो मृतक के परिवार या उत्तराधिकारियों को कर नोटिस मिल सकता है।
मृत्यु के बाद भी आईटीआर दाखिल करना क्यों ज़रूरी है? यदि किसी व्यक्ति की मृत्यु किसी वित्तीय वर्ष के दौरान होती है और उसने उस वर्ष कर योग्य आय अर्जित की है, तो उसकी मृत्यु के बावजूद उस वर्ष के लिए आईटीआर दाखिल करना आवश्यक है। आयकर विभाग इसे मृत्यु से पहले की आय मानता है।
- कानूनी उत्तराधिकारी की पहचान
- आयकर पोर्टल पर पंजीकरण
- दस्तावेज़ अपलोड करें
- अनुमोदन के बाद ITR दाखिल करें
- यदि व्यक्ति की मृत्यु 31 मार्च से पहले हो जाती है। इसलिए यदि आय कर सीमा से अधिक है, तो उस वर्ष के लिए ITR अनिवार्य है।
- यदि किसी व्यक्ति की कोई कर योग्य आय नहीं है, तो ITR दाखिल करना आवश्यक नहीं है।
- रिफंड का दावा करने के लिए भी ITR दाखिल करना आवश्यक है।
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