हाथ-पैर ठंडे होने का सबसे बड़ा कारण खराब रक्त संचार है। जब हृदय से रक्त अंगों तक ठीक से नहीं पहुँच पाता, तो हाथ-पैरों का तापमान गिर जाता है और वे ठंडे लगने लगते हैं। कभी-कभी यह सामान्य भी हो सकता है, जैसे बहुत ठंडे मौसम में या देर तक बैठे या लेटे रहने के बाद। लेकिन अगर यह समस्या बार-बार या लगातार बनी रहे, तो ध्यान देना ज़रूरी है।
यह किन बीमारियों का संकेत हो सकता है? एनीमिया (खून की कमी) – शरीर में हीमोग्लोबिन कम होने पर ऑक्सीजन पूरे शरीर में ठीक से नहीं पहुँच पाती। इस वजह से हाथ-पैर ठंडे रहते हैं।
थायरॉइड की समस्या – हाइपोथायरायडिज्म (अंडरएक्टिव थायरॉइड) होने पर शरीर का मेटाबॉलिज्म धीमा हो जाता है और हाथ-पैर ठंडे हो जाते हैं। शुगर (मधुमेह) – मधुमेह तंत्रिकाओं को नुकसान पहुँचा सकता है, जिससे पैरों और हाथों में रक्त प्रवाह प्रभावित होता है। निम्न रक्तचाप या हृदय संबंधी समस्याएँ – यदि हृदय ठीक से पंप नहीं करता या रक्तचाप बहुत कम है, तो हाथ-पैर भी ठंडे लग सकते हैं। रेनॉड रोग – यह एक विशेष स्थिति है जिसमें ठंड या तनाव के कारण उंगलियों और पैर की उंगलियों की रक्त वाहिकाएँ सिकुड़ जाती हैं। इससे उंगलियां पहले सफेद, फिर नीली और फिर लाल हो जाती हैं।
- ठंड से बचें और गर्म कपड़े पहनें।
- रक्त संचार बेहतर बनाने के लिए नियमित व्यायाम करें।
- धूम्रपान और शराब से बचें।
- संतुलित आहार लें, खासकर आयरन, विटामिन B12 और फोलिक एसिड से भरपूर खाद्य पदार्थ।
- अगर समस्या बनी रहती है, तो डॉक्टर से जाँच करवाएँ।
अस्वीकरण: इस लेख में दी गई जानकारी केवल शैक्षिक और सामान्य जानकारी के उद्देश्यों के लिए है। यह किसी भी प्रकार की चिकित्सा सलाह, निदान या उपचार का विकल्प नहीं है। आपकी व्यक्तिगत स्वास्थ्य स्थितियाँ और ज़रूरतें अलग-अलग हो सकती हैं, इसलिए कोई भी निर्णय लेने से पहले विशेषज्ञ की सलाह लेना ज़रूरी है।