यह देशी पौधा कई बीमारियों का इलाज कर सकता है…

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उम्र बढ़ने के साथ शरीर में थकान, कमज़ोरी और कई अन्य समस्याएं घर करने लगती हैं। ऐसे में अगर कोई देसी, सुरक्षित और कारगर उपाय मिल जाए, तो ज़िंदगी आसान हो सकती है।

आयुर्वेद में वरददरु या विधारा नामक एक छोटे से पौधे का वर्णन मिलता है। इसे बुढ़ापे की छड़ी भी कहा जाता है, क्योंकि यह उम्र से जुड़ी कई समस्याओं में मदद करता है। आइए जानते हैं इस छोटे से पौधे के बेहतरीन फ़ायदों के बारे में।

बुज़ुर्गों को अक्सर कमज़ोरी और थकान की शिकायत रहती है। ऐसे में विधारा का सेवन शरीर को मज़बूत बनाने का काम करता है। यह नसों और मांसपेशियों को ऊर्जा प्रदान करता है, जिससे शरीर में नई ऊर्जा और ताजगी का एहसास होता है।

आयुर्वेद में विधारा को यौन शक्तिवर्धक औषधियों में गिना जाता है। यह पुरुषों और महिलाओं दोनों में यौन नपुंसकता को दूर करता है और प्रजनन तंत्र को पोषण देता है। इसके नियमित सेवन से यौन स्वास्थ्य में सुधार होता है।

विधारा पाचन तंत्र पर भी असर डालती है। इसकी जड़ों और पत्तियों में मौजूद सूजनरोधी गुण पेट को मज़बूत बनाते हैं। इसके साथ ही, यह शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता यानी रोगों से लड़ने की क्षमता भी बढ़ाता है।

अगर आपके चेहरे पर मुंहासे या दाग-धब्बे हैं, तो विधारा के पत्तों का लेप लगाने से आराम मिल सकता है। यह घावों और त्वचा संबंधी समस्याओं को ठीक करता है। इसका असर चेहरे पर साफ़ दिखाई देता है।

बुढ़ापे में जोड़ों का दर्द आम हो जाता है, लेकिन विधारा के पत्तों का लेप जोड़ों पर लगाने से आराम मिलता है। इसकी जड़ के चूर्ण को दूध या पानी के साथ लेने से भी दर्द में आराम मिलता है।

विधारा का सेवन शुरू करने से पहले किसी आयुर्वेदिक चिकित्सक से सलाह ज़रूर लें। इसे सीमित मात्रा में ही लें, तभी आपको इसके पूरे लाभ मिलेंगे।

अस्वीकरण: इस लेख में दी गई जानकारी केवल शैक्षिक और सामान्य जानकारी के उद्देश्यों के लिए है। यह किसी भी प्रकार के चिकित्सा सलाह, निदान या उपचार के बारे में। आपकी व्यक्तिगत स्वास्थ्य स्थितियाँ और ज़रूरतें अलग-अलग हो सकती हैं, इसलिए कोई भी निर्णय लेने से पहले विशेषज्ञ की सलाह लेना ज़रूरी है।

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