शारीरिक संपर्क की कमी न केवल रिश्तों में तनाव पैदा करती है, बल्कि स्वास्थ्य पर भी गहरा असर डालती है। विभिन्न अध्ययनों के अनुसार, लंबे समय तक शारीरिक संबंध न बनाने से शरीर में कई बदलाव आते हैं जो दीर्घकालिक समस्याओं का कारण बन सकते हैं। आइए जानें कि ऐसा कैसे होता है और इसके मुख्य कारण क्या हैं।
तनाव और मानसिक स्वास्थ्य पर प्रभाव
सेक्स न करने से शरीर में तनाव हार्मोन कोर्टिसोल का स्तर बढ़ सकता है। इससे न केवल मूड स्विंग होता है, बल्कि नींद की कमी और चिड़चिड़ापन जैसी समस्याएं भी हो सकती हैं।
प्रतिरक्षा प्रणाली का कमज़ोर होना
सेक्स न करने से शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली भी कमज़ोर हो सकती है। एक अध्ययन के अनुसार, जो लोग संभोग नहीं करते, उनमें नियमित संभोग करने वालों की तुलना में इम्युनोग्लोबुलिन रसायन का स्तर कम होता है। यह रसायन शरीर को बीमारियों से लड़ने में मदद करता है। इसके अलावा, यौन संबंध न बनाने से प्रोस्टेट कैंसर का खतरा भी बढ़ सकता है, खासकर पुरुषों में।
पुरुषों के लिए विशेष जोखिम
पुरुषों में, संभोग न करने से प्रोस्टेटाइटिस (प्रोस्टेट की सूजन) और स्तंभन दोष जैसी समस्याएं हो सकती हैं। लंबे समय तक संभोग न करने से लिंग की मांसपेशियां कमजोर हो सकती हैं, जिससे यौन क्षमता कम हो सकती है। इसके अलावा, होमोसिस्टीन नामक अमीनो एसिड का बढ़ा हुआ स्तर रक्त वाहिकाओं को नुकसान पहुँचाता है, जिससे हृदय रोग और स्ट्रोक हो सकता है।
महिलाओं के लिए स्वास्थ्य चुनौतियाँ
महिलाओं में संभोग न करने का प्रजनन स्वास्थ्य पर सीधा प्रभाव नहीं पड़ता है, लेकिन मध्य आयु में कम संभोग करने से रजोनिवृत्ति की संभावना बढ़ जाती है।
इसके अलावा, यौन संबंध न बनाने से योनि में सूखापन और योनि संक्रमण का खतरा भी बढ़ सकता है। डॉक्टरों के अनुसार, संभोग योनि की मांसपेशियों को मजबूत करता है और योनि के पीएच संतुलन को बनाए रखता है।
रिश्तों में तनाव और दूरी
यौन संबंध न बनाने से रिश्तों में तनाव भी पैदा हो सकता है। साथी की इच्छाओं को पूरा न कर पाने से चिंता और अविश्वास की भावनाएँ पैदा होती हैं। कुछ जोड़ों में, यह स्थिति उन्हें वन नाइट स्टैंड या विवाहेतर संबंधों की ओर धकेल सकती है। डॉक्टरों का मानना है कि सेक्स न करने से दोनों पार्टनर में असुरक्षा की भावना बढ़ जाती है, जिससे रिश्ता कमज़ोर हो सकता है।
मनोवैज्ञानिक प्रभाव
सेक्स न करने से आत्म-सम्मान कम हो सकता है। डोपामाइन की कमी से व्यक्ति खुद पर शक करने लगता है। यह स्थिति कार्यस्थल या सामाजिक जीवन में प्रदर्शन को प्रभावित कर सकती है। इसके अलावा, सेक्स न करने से सामाजिक मेलजोल भी कम हो सकता है, जो मानसिक स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है।
विशेषज्ञ सलाह
डॉक्टरों के अनुसार, संयम के नुकसानों से बचने के लिए नियमित यौन गतिविधि ज़रूरी है। हालाँकि, यह संख्या व्यक्ति की शारीरिक और मानसिक स्थिति पर निर्भर करती है।
कुछ लोगों के लिए हफ़्ते में एक बार पर्याप्त है, जबकि अन्य को ज़्यादा बार की ज़रूरत होती है। महत्वपूर्ण बात यह है कि दोनों पार्टनर की इच्छाओं का सम्मान करें और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के लिए समय पर चिकित्सा सलाह लें।
अस्वीकरण: इस लेख में दी गई जानकारी केवल शैक्षिक और सामान्य जानकारी के उद्देश्यों के लिए है। यह किसी भी प्रकार की चिकित्सीय सलाह, निदान या उपचार का विकल्प नहीं है। आपकी व्यक्तिगत स्वास्थ्य स्थितियाँ और ज़रूरतें अलग-अलग हो सकती हैं, इसलिए कोई भी निर्णय लेने से पहले विशेषज्ञ की सलाह लेना ज़रूरी है।
