मुँह के छाले एक आम समस्या है, जिसे लोग अक्सर गंभीरता से नहीं लेते। यह समस्या किसी को भी, किसी भी उम्र में हो सकती है। छाले आमतौर पर मुँह के अंदर, जीभ पर, गालों, होंठों या गले के अंदरूनी हिस्से पर होते हैं।
ये छोटे-छोटे घाव होते हैं, जो कभी-कभी बहुत दर्दनाक हो सकते हैं और खाने-पीने, बोलने या यहाँ तक कि मुँह हिलाने में भी कठिनाई पैदा कर सकते हैं।
ज़्यादातर मामलों में ये छाले कुछ दिनों में अपने आप ठीक हो जाते हैं। लेकिन अगर ये बार-बार हो रहे हैं या लंबे समय तक ठीक नहीं हो रहे हैं, तो इन्हें नज़रअंदाज़ करना खतरनाक हो सकता है।
ये छाले शरीर में मौजूद कुछ गंभीर समस्याओं का संकेत हो सकते हैं। आइए जानें कि बार-बार मुँह के छालों से कौन-कौन सी स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं।
पोषक तत्वों की कमी: बार-बार मुँह के छालों का एक मुख्य कारण शरीर में पोषक तत्वों की कमी हो सकती है। विटामिन बी12, आयरन, ज़िंक और फोलिक एसिड जैसे पोषक तत्वों की कमी से मुँह के छालों का खतरा बढ़ जाता है।
ये पोषक तत्व शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को मज़बूत बनाने में अहम भूमिका निभाते हैं। अगर आपके आहार में इन पोषक तत्वों की कमी है, तो यह शरीर में इनकी कमी का कारण बन सकता है, जिससे मुँह के छाले हो सकते हैं।
पाचन संबंधी समस्याएँ: मुँह के छालों का एक अन्य कारण पाचन संबंधी समस्याएँ भी हो सकती हैं। गैस, एसिडिटी, कब्ज या अपच जैसी पेट की समस्याएँ शरीर में विषाक्त पदार्थों के स्तर को बढ़ा सकती हैं। जिससे मुँह के छाले होने की संभावना बढ़ जाती है।
आयुर्वेद के अनुसार, पेट के रोगों और शरीर में पित्त दोष के बढ़ने के कारण मुँह के छाले हो सकते हैं। अगर आपको पाचन संबंधी समस्याएँ हैं और बार-बार मुँह के छाले होते हैं, तो यह शरीर के आंतरिक संतुलन में गड़बड़ी का संकेत हो सकता है।
कमज़ोर प्रतिरक्षा प्रणाली: मुँह के छालों का एक अन्य प्रमुख कारण कमज़ोर प्रतिरक्षा प्रणाली भी हो सकती है। जब शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली कमज़ोर होती है, तो शरीर संक्रमण और बीमारियों से लड़ने में असमर्थ हो जाता है। इससे मुँह में बैक्टीरिया या वायरल संक्रमण होने की संभावना बढ़ जाती है, जिससे छाले हो सकते हैं।
तनाव और चिंता: तनाव और चिंता का शरीर पर गहरा प्रभाव पड़ता है और यह मुंह के छालों का एक प्रमुख कारण हो सकता है। जब हम तनाव में होते हैं, तो शरीर में कोर्टिसोल हार्मोन का स्तर बढ़ जाता है, जो प्रतिरक्षा प्रणाली को कमजोर करता है।
इसके अलावा, तनाव शरीर में सूजन बढ़ा सकता है। जिससे मुंह के छाले होने की संभावना बढ़ जाती है। अगर आपको बार-बार छाले होते हैं और आप तनाव से ग्रस्त हैं, तो यह शरीर की ओर से एक संकेत हो सकता है कि आप आपको अपने मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान देने की ज़रूरत है।
संक्रामक रोग: बार-बार मुँह में छाले होने का एक गंभीर कारण कोई संक्रमण या अंतर्निहित बीमारी हो सकती है। कुछ वायरल और बैक्टीरियल संक्रमण, जैसे हर्पीज़ सिम्प्लेक्स वायरस या कैंडिडा संक्रमण, मुँह के छालों का कारण बन सकते हैं।
अगर आपको बार-बार छाले पड़ते हैं और वज़न कम होता है। बुखार या गले में खराश जैसे अन्य लक्षण भी दिखाई देते हैं, तो यह किसी गंभीर बीमारी का संकेत हो सकता है। ऐसी स्थिति में तुरंत डॉक्टर से सलाह लेना ज़रूरी है।
अस्वीकरण: इस लेख में दी गई जानकारी केवल शैक्षिक और सामान्य जानकारी के उद्देश्यों के लिए है। यह किसी भी प्रकार की चिकित्सा सलाह, निदान या उपचार का विकल्प नहीं है। आपकी व्यक्तिगत स्वास्थ्य स्थितियाँ और ज़रूरतें अलग-अलग हो सकती हैं, इसलिए कोई भी निर्णय लेने से पहले विशेषज्ञ की सलाह लेना ज़रूरी है।
