सर्दियों के मौसम में हृदय और तंत्रिका संबंधी समस्याएं बढ़ जाती हैं। इस मौसम में नसों में रुकावट, रक्त का गाढ़ा होना, खराब कोलेस्ट्रॉल का बढ़ना और हृदय संबंधी अन्य समस्याएं आम हैं। इन समस्याओं के लिए एक सरल, प्राकृतिक और आयुर्वेदिक घरेलू उपाय बताया जा रहा है, जो न केवल वैज्ञानिक रूप से सिद्ध है, बल्कि लंबे समय तक कारगर भी माना जाता है।
आवश्यक सामग्री: लहसुन:
3-4 कलियाँ। इसमें मौजूद एलिसिन गाढ़े रक्त को पतला करने और नसों में रुकावट को रोकने में मदद करता है।
अदरक: आधा इंच अदरक का टुकड़ा सूजन कम करता है और रक्त संचार को बेहतर बनाने में मदद करता है।
नींबू का रस: 1 चम्मच। विटामिन सी से भरपूर नींबू हृदय को स्वस्थ रखता है और रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है।
पानी: 1.5 कप
शहद: 1 बड़ा चम्मच (मधुमेह के रोगियों को इसका सेवन नहीं करना चाहिए)
बनाने की विधि:
- लहसुन और अदरक को भूनें।
- एक बर्तन में 1.5 कप पानी लें और उसमें कुटा हुआ लहसुन और अदरक डालें।
- इसे धीमी आँच पर तब तक उबालें जब तक कि 1 कप पानी न रह जाए।
- छानकर गरम करें मिश्रण।
- इसमें 1 छोटा चम्मच नींबू का रस और शहद मिलाएँ।
- नाश्ते से आधा घंटा पहले इसे घूँट-घूँट कर पिएँ।
बेहतर परिणामों के लिए, ठंड के मौसम में इस उपाय का रोज़ाना सेवन करें। - गर्मियों में इस उपाय का सेवन न करें।
किसे इसका सेवन नहीं करना चाहिए?
- गर्भवती महिलाएं
बवासीर के मरीज - गठिया के मरीज (नींबू न डालें)
फायदे:
- यह रक्त को पतला करता है और नसों में रुकावट को दूर करता है।
- खराब कोलेस्ट्रॉल को कम करके हृदय रोगों से बचाता है।
- सर्दी, खांसी और फ्लू से राहत देता है।
- प्रतिरक्षा शक्ति बढ़ाकर शरीर को रोगों से लड़ने में सक्षम बनाता है।
यह हृदय रोगियों के लिए रामबाण है।
सावधानियां:
- सेवन के बाद 30 मिनट तक कुछ भी खाने या पीने से बचें।
- इस उपाय को दिन में दो बार तक लिया जा सकता है, लेकिन ज़्यादा सेवन से बचें।
यह घरेलू उपाय हृदय और तंत्रिका संबंधी समस्याओं में बेहद फायदेमंद है। आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों का सही संयोजन और नियमित उपयोग आपके स्वास्थ्य को बेहतर बना सकता है। इस सर्दी में इसे अपनाएँ और स्वस्थ रहें।
अस्वीकरण: इस लेख में दी गई जानकारी केवल शैक्षिक और सामान्य जानकारी के उद्देश्यों के लिए है। यह किसी भी प्रकार की चिकित्सा सलाह, निदान या उपचार का विकल्प नहीं है। आपकी व्यक्तिगत स्वास्थ्य स्थितियाँ और ज़रूरतें अलग-अलग हो सकती हैं, इसलिए कोई भी निर्णय लेने से पहले विशेषज्ञ की सलाह लेना ज़रूरी है।
