आज के भागदौड़ भरे दौर में, चश्मा पहनकर मोबाइल फोन और लैपटॉप पर काम करने वालों की संख्या दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है। खासकर 40 की उम्र के बाद पढ़ने के लिए चश्मा पहनने की ज़रूरत बढ़ती जा रही है।
इसीलिए भारतीय औषधि नियामक प्राधिकरण ने एक नए आई ड्रॉप को मंज़ूरी दी है जो पढ़ने के चश्मे की समस्या को पूरी तरह से खत्म कर सकता है, जो 40 से ज़्यादा उम्र के लोगों के लिए एक दुर्लभ वरदान है।
दुनिया भर में 1.8 अरब लोग इस प्रकार के प्रेसबायोपिया से पीड़ित हैं, और अब उन्होंने इस समस्या के समाधान के लिए प्रेस्वू नामक एक आई ड्रॉप विकसित किया है। यह आई ड्रॉप 40 साल से ज़्यादा उम्र के लोगों में चश्मे की ज़रूरत को कम करने के लिए डिज़ाइन किया गया है।
ये आई ड्रॉप न केवल चश्मे की ज़रूरत को खत्म करते हैं, बल्कि आँखों के सूखेपन को भी रोकते हैं।
एंटोटे फार्मास्युटिकल्स का दावा है कि इस दवा को इस तरह से तैयार किया गया है कि सालों तक इस्तेमाल करने के बाद भी यह कोई नुकसान नहीं पहुँचाएगी। प्रेसबायोपिया का इलाज कॉन्टैक्ट लेंस या सर्जरी से किया जा सकता है।
लेकिन अब यह सब ज़रूरी नहीं है। ये बिंदु बताते हैं कि एक बूंद ही काफी है। भारत में 2019 से इस पर शोध चल रहा है।
आँख में डालने के 15 मिनट के भीतर यह सक्रिय रूप से काम करना शुरू कर देता है। नेत्र रोग विशेषज्ञों का कहना है कि यह आँखों की समस्याओं से पीड़ित लोगों के लिए वरदान है।
इन बूंदों की कीमत 150 रुपये उपलब्ध है। घोषणा की गई है कि इन बूंदों की कीमत 25 रुपये है। 350 रुपये में उपलब्ध है और कुछ ही दिनों में बिक्री के लिए उपलब्ध होगा।
अस्वीकरण: इस लेख में दी गई जानकारी केवल शैक्षिक और सामान्य जानकारी के उद्देश्यों के लिए है। यह किसी भी प्रकार की चिकित्सा सलाह, निदान या उपचार का विकल्प नहीं है। आपकी व्यक्तिगत स्वास्थ्य स्थितियाँ और ज़रूरतें अलग-अलग हो सकती हैं, इसलिए कोई भी निर्णय लेने से पहले विशेषज्ञ की सलाह लेना ज़रूरी है।
