फैटी लिवर रोग या हेपेटिक स्टेटोसिस तब होता है जब लिवर में अतिरिक्त वसा जमा हो जाती है। यह आमतौर पर टाइप 2 डायबिटीज़ और अत्यधिक शराब के सेवन के कारण होता है।
ऐसा होने पर सूजन, फाइब्रोसिस और लिवर फेलियर जैसी समस्याएं हो सकती हैं। इसके लक्षणों की बात करें तो इसमें थकान, पेट खराब होना और पीलिया जैसी समस्याएं शामिल हैं।
इससे बचने के लिए आप स्वस्थ आहार खा सकते हैं, अपना वजन नियंत्रित रख सकते हैं और रोज़ाना व्यायाम कर सकते हैं। आइए जानें इसके क्या लक्षण हो सकते हैं?
स्वास्थ्य विशेषज्ञ क्या कहते हैं?
डॉ. श्रीकांत मोहता बताते हैं कि आज हर तीन में से एक व्यक्ति को फैटी लिवर की समस्या है। फैटी लिवर एक ऐसी समस्या है जिसके लक्षण बहुत कम लोगों में दिखाई देते हैं।
इस दौरान कभी-कभी लिवर डैमेज और पेट में ट्यूमर हो जाता है, लेकिन ऐसा बहुत कम लोगों को होता है।
फैटी लिवर रक्तचाप, मधुमेह और दिल के दौरे जैसी कई बीमारियों का खतरा भी बढ़ा देता है। इस बीमारी का पता लगाने के लिए, आप डॉक्टर से सलाह लेकर रक्त परीक्षण करवा सकते हैं।
फैटी लिवर के लक्षण
(1) हर समय थकान महसूस होना।
(2) पेट के दाहिने हिस्से में दर्द।
(3) अचानक वजन कम होना।
(4) भूख न लगना।
(5) कमजोरी और मतली।
(6) किसी भी काम में ध्यान केंद्रित न कर पाना।
(7) खून की उल्टी होना।
(8) आँखों का पीला पड़ना।
(9) पेट में पानी भर जाना।
कैसे करें बचाव?
(1) वजन नियंत्रण में रखें।
(2) कार्बोहाइड्रेट से भरपूर खाद्य पदार्थ खाएं।
(3) फ्रुक्टोज युक्त जूस का सेवन करें।
(4) एरोबिक व्यायाम करें।
(5) आहार में हरी सब्ज़ियाँ, फल, साबुत अनाज, मेवे और बीज शामिल करें।
अस्वीकरण: इस लेख में दी गई जानकारी केवल शैक्षिक और सामान्य जानकारी के उद्देश्यों के लिए है। यह किसी भी प्रकार की चिकित्सीय सलाह, निदान या उपचार का विकल्प नहीं है। आपकी व्यक्तिगत स्वास्थ्य स्थितियाँ और ज़रूरतें अलग-अलग हो सकती हैं, इसलिए कोई भी निर्णय लेने से पहले विशेषज्ञ की सलाह लेना ज़रूरी है।
