स्वस्थ दांत और मसूड़े हर किसी की प्राथमिकता होनी चाहिए। दिन भर की भागदौड़ में हम कई बार ब्रश करने के समय को नज़रअंदाज़ कर देते हैं, लेकिन यह छोटी सी आदत हमारे दांतों और मुँह के स्वास्थ्य के लिए बेहद ज़रूरी है।
सही तरीके से ब्रश करने से न सिर्फ़ दांत साफ़ रहते हैं, बल्कि दांतों से गंदगी और प्लाक भी निकल जाता है। हालाँकि, बहुत से लोगों को यह नहीं पता होता कि उन्हें कितनी देर तक ब्रश करना चाहिए और सही तरीका क्या है।
अक्सर यह सवाल उठता है कि कितनी देर तक ब्रश करना चाहिए ताकि दांत अच्छी तरह साफ़ रहें और मसूड़े स्वस्थ रहें। इस खबर में हम आपको बताएंगे कि ब्रश करने का सही तरीका क्या है और कितने मिनट तक ब्रश करना चाहिए।
ब्रश करने का सही समय और तरीका
स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार, आपको कम से कम दो मिनट तक अपने दाँत ब्रश करने चाहिए। यह समय दांतों की अच्छी तरह सफाई के लिए पर्याप्त है। ज़्यादातर लोग केवल 30 सेकंड से एक मिनट तक ही ब्रश करते हैं, जो दांतों की अच्छी तरह सफाई के लिए पर्याप्त नहीं है।
ब्रश करने का सही तरीका है दांतों के बाहरी, भीतरी और चबाने वाले हिस्सों को अच्छी तरह साफ़ करना। इसके लिए ब्रश को हल्के दबाव के साथ घुमाते हुए 45 डिग्री के कोण पर दांतों पर लगाना चाहिए। इसके साथ ही मसूड़ों की सफाई भी उतनी ही ज़रूरी है, क्योंकि स्वस्थ मसूड़े दांतों के स्वास्थ्य को भी बनाए रखते हैं।
फ्लॉसिंग और माउथवॉश का इस्तेमाल
ब्रश करने के बाद फ्लॉसिंग करना भी ज़रूरी है, क्योंकि फ्लॉसिंग से दांतों के बीच की जगहों से गंदगी और खाने के कण निकल जाते हैं, जहाँ ब्रश नहीं पहुँच पाता। इसके बाद माउथवॉश का इस्तेमाल करने से साँसों की दुर्गंध दूर होती है और मुँह ताज़ा रहता है।
बच्चों के लिए ब्रश करने की आदत
बच्चों में कम उम्र से ही ब्रश करने की आदत डालना ज़रूरी है। बच्चों को एक मिनट तक ब्रश करने की आदत डालें और बड़े होने पर उन्हें दो मिनट तक ब्रश करने के लिए प्रोत्साहित करें।
सही टूथपेस्ट चुनना
सही टूथपेस्ट चुनना भी ज़रूरी है। फ्लोराइड युक्त टूथपेस्ट का इस्तेमाल करने से कैविटी को रोका जा सकता है और दांत मज़बूत हो सकते हैं। बच्चों के लिए कम फ्लोराइड वाला टूथपेस्ट चुनना चाहिए।
अस्वीकरण: इस लेख में दी गई जानकारी केवल शैक्षिक और सामान्य जानकारी के उद्देश्यों के लिए है। यह किसी भी प्रकार की चिकित्सीय सलाह, निदान या उपचार का विकल्प नहीं है। आपकी व्यक्तिगत स्वास्थ्य स्थितियाँ और ज़रूरतें अलग-अलग हो सकती हैं, इसलिए कोई भी निर्णय लेने से पहले विशेषज्ञ की सलाह लेना ज़रूरी है।
