अगर आप भी ले रहे हैं नींद की गोलियां तो हो जाएं सावधान, वरना दोबारा नहीं आएगा हार्ट अटैक…

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आज की भागदौड़ भरी ज़िंदगी, गलत खान-पान और भविष्य को बेहतर बनाने की चिंता में, कई लोग नींद की समस्याओं से जूझने लगते हैं। कई लोग इस समस्या से निपटने के लिए नींद की गोलियों का भी सहारा लेते हैं।

हालांकि ये दवाएं आपको नींद लाने का एक आसान उपाय लग सकती हैं, लेकिन इनका ज़्यादा इस्तेमाल लंबे समय तक गंभीर समस्याओं का कारण भी बन सकता है। इसीलिए विशेषज्ञ डॉक्टरों की सलाह के बिना इन दवाओं का इस्तेमाल न करने की सलाह देते हैं।

डॉक्टर की सलाह के बिना दवा लेना

विशेषज्ञों ने ऐसी दवाओं के व्यापक दुरुपयोग पर चिंता व्यक्त की है। विशेषज्ञों का कहना है कि कई लोग विशेषज्ञों की सलाह के बिना ऐसी दवाओं का इस्तेमाल करते हैं। ये दवाएं अस्थायी राहत तो दे सकती हैं, लेकिन इनके कई दुष्प्रभाव होते हैं।

‘हृदय और गुर्दे को नुकसान’

ये दवाएं मस्तिष्क से लेकर हृदय और गुर्दे तक, शरीर की विभिन्न प्रणालियों को नुकसान पहुँचा सकती हैं। हर साल 21 मार्च (जिस दिन दिन और रात बराबर होते हैं) से पहले आने वाले शुक्रवार को विश्व निद्रा दिवस मनाया जाता है। विश्व निद्रा दिवस का उत्सव अच्छी नींद के महत्व पर प्रकाश डालता है।

‘अच्छी नींद को प्राथमिकता दें’

विश्व निद्रा दिवस की शुरुआत 2008 में विश्व निद्रा सोसाइटी द्वारा की गई थी। इस वर्ष, विश्व निद्रा दिवस का उद्देश्य अच्छी नींद के स्वास्थ्य लाभों के बारे में जागरूकता बढ़ाना, लोगों को नींद से संबंधित विकारों के बारे में शिक्षित करना और अच्छी नींद की आदतों को बढ़ावा देना है। इस वर्ष विश्व निद्रा दिवस का विषय है – ‘अच्छी नींद को प्राथमिकता दें’।

ऐसी दवाएँ जो लंबे समय तक असर नहीं करतीं

विशेषज्ञ इस दवा के दीर्घकालिक प्रभावों के बारे में चेतावनी देते हैं, उनका कहना है कि ऐसी दवाओं के दुष्प्रभाव शुरुआत में गंभीर नहीं होते, लेकिन समय के साथ ये दुष्प्रभाव गंभीर हो जाते हैं।

विशेषज्ञों का कहना है कि ‘जब हम इसका सेवन करते हैं, तो एक और समस्या उत्पन्न होती है। जब हम लंबे समय तक इसका सेवन करते हैं, तो इसका असर कम हो जाता है। इसलिए व्यक्ति अधिक से अधिक नींद की गोलियाँ लेता रहता है। और इन गोलियों का अधिक सेवन करने से हमें अधिक दुष्प्रभाव होते हैं।’

मधुमेह, हृदय रोग का खतरा

विशेषज्ञों का कहना है कि कम नींद कोई मामूली समस्या नहीं है, बल्कि हृदय रोग, मधुमेह और मानसिक स्वास्थ्य जैसी गंभीर समस्याओं का कारण बन सकती है।

‘विश्व निद्रा दिवस’ का महत्व इसके संदेश ‘स्वास्थ्य के लिए नींद आवश्यक है’ में निहित है। वह लोगों को नींद को प्राथमिकता देने, अच्छी नींद को अपनी दिनचर्या में शामिल करने और निद्रा विकारों से निपटने के लिए पेशेवर मदद लेने के लिए प्रोत्साहित करती हैं।

अस्वीकरण: इस लेख में दी गई जानकारी केवल शैक्षिक और सामान्य जानकारी के उद्देश्यों के लिए है। यह किसी भी प्रकार की चिकित्सा सलाह, निदान या उपचार का विकल्प नहीं है। आपकी व्यक्तिगत स्वास्थ्य स्थितियाँ और ज़रूरतें अलग-अलग हो सकती हैं, इसलिए कोई भी निर्णय लेने से पहले विशेषज्ञ की सलाह लेना ज़रूरी है।

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