कोलेस्ट्रॉल शरीर के लिए एक बेहद ज़रूरी तत्व है, लेकिन जब इसकी मात्रा सामान्य से ज़्यादा हो जाए, तो यह स्वास्थ्य के लिए ख़तरनाक हो सकता है। हर साल बड़ी संख्या में लोग दिल के दौरे से मरते हैं।
विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, दुनिया में सबसे ज़्यादा मौतें हृदय रोग के कारण होती हैं। हर साल लगभग 1.80 करोड़ लोग दिल के दौरे या स्ट्रोक से मरते हैं।
उच्च कोलेस्ट्रॉल हृदय रोग, रक्तचाप और स्ट्रोक जैसी बीमारियों का भी कारण बन सकता है। सबसे बड़ी चिंता की बात यह है कि जब तक कोलेस्ट्रॉल का स्तर चिंताजनक स्तर से ज़्यादा न हो जाए, तब तक इसके लक्षण दिखाई नहीं देते। लेकिन क्या आप जानते हैं कि शरीर के कुछ हिस्सों में दर्द भी कोलेस्ट्रॉल का संकेत हो सकता है।
अगर आपको बार-बार पैरों में दर्द या ऐंठन होती है, खासकर रात में चलते या सोते समय, तो यह उच्च कोलेस्ट्रॉल का लक्षण हो सकता है।
जब शरीर में कोलेस्ट्रॉल बढ़ता है, तो यह धमनियों में जमा हो जाता है और रक्त प्रवाह को अवरुद्ध कर देता है, जिससे पैरों की मांसपेशियों में ऑक्सीजन की कमी हो जाती है और दर्द होने लगता है।
उच्च कोलेस्ट्रॉल के कारण पैरों में दर्द के लक्षण: चलते या सीढ़ियाँ चढ़ते समय पैरों में दर्द। रात में सोते समय पैरों में ऐंठन या अकड़न। पैर ठंडे या सुन्न हो जाना। पैरों की त्वचा का रंग बदल जाना। घावों को ठीक होने में अधिक समय लगना। पैरों में झुनझुनी या जलन।
जब कोलेस्ट्रॉल बढ़ता है, तो इन अंगों में दर्द हो सकता है: सीने में दर्द, गर्दन और कंधों में अकड़न, सिरदर्द और चक्कर आना।
उच्च कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करने के तरीके: फाइबर युक्त खाद्य पदार्थ खाएं। जंक फूड, तले हुए खाद्य पदार्थ और उच्च वसा वाले खाद्य पदार्थों से बचें। हर दिन कम से कम 30 मिनट टहलें, योग करें या व्यायाम करें। धूम्रपान और शराब छोड़ें, अधिक पानी पिएं, अपने डॉक्टर से नियमित जांच करवाएं।
अस्वीकरण: इस लेख में दी गई जानकारी केवल शैक्षिक और सामान्य जानकारी के उद्देश्यों के लिए है। यह किसी भी प्रकार की चिकित्सीय सलाह, निदान या उपचार का विकल्प नहीं है। आपकी व्यक्तिगत स्वास्थ्य स्थितियाँ और ज़रूरतें अलग-अलग हो सकती हैं, इसलिए कोई भी निर्णय लेने से पहले विशेषज्ञ की सलाह लेना ज़रूरी है।
