एक स्वस्थ शरीर वह होता है जो विभिन्न स्वास्थ्य समस्याओं से दूर रहता है। कब्ज की पहचान हर दिन ठीक से मल त्याग न होना, या एक दिन मल त्याग होना और अगले दिन न होना है। कब्ज होने पर मल बहुत सख्त हो जाता है, कभी-कभी मल बाहर नहीं आता और चाहे व्यक्ति कितनी भी देर बाथरूम में बैठा रहे, पेट ठीक से साफ नहीं होता। अगर आप भी इन समस्याओं से परेशान हैं, तो न्यूट्रिशनिस्ट डॉ. शिल्पा अरोड़ा द्वारा दी गई यह सलाह आपके काम आ सकती है। न्यूट्रिशनिस्ट ने बताया कि इस कच्चे फल का सलाद बनाकर रोज़ाना खाने से पेट आसानी से साफ हो जाएगा। इससे पेट से जुड़ी कई समस्याओं से भी राहत मिलेगी।
कब्ज से राहत पाने के लिए खाएं यह फल पोषण विशेषज्ञ डॉ. शिल्पा अरोड़ा कहती हैं कि अगर आप रोज़ाना मल त्याग नहीं करते हैं, तो शरीर में विषाक्त पदार्थ जमा होने लगते हैं। ऐसे में पेट की अशुद्धियों को दूर करने और मल त्याग को सही तरीके से करने के लिए रोज़ाना कच्चे पपीते का सेवन किया जा सकता है। कच्चा पपीता फाइबर से भरपूर होता है और कम चीनी वाला फल है। साथ ही, यह पाचक एंजाइमों से भरपूर होता है। इसमें पपेन होता है जो शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालता है।
पोषण विशेषज्ञ ने कब्ज से राहत पाने के लिए पपीते का सेवन करने का तरीका भी बताया है। इसके लिए कच्चे पपीते को काटकर कद्दूकस कर लें। अब एक चम्मच में सरसों का तेल लें और उसमें राई, करी पत्ता, सूखी हरी मिर्च और थोड़ी हल्दी डालें। इस मसाले को पपीते में मिलाएँ। इसे अनार से सजाएँ और चाहें तो मैकाडामिया डालें या पपीते का सलाद बिना इसके भी खाया जा सकता है। पोषण विशेषज्ञ कहती हैं कि इसमें नमक भी मिलाया जा सकता है। स्वाद के लिए।
कच्चा पपीता खाने के फायदे
- कच्चा पपीता फाइबर, विटामिन सी और एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होता है। इसे खाने से पाचन तंत्र बेहतर काम करता है।
- यह शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में भी मददगार है।
- कच्चे पपीते का सेवन वज़न नियंत्रण में मदद करता है। पपीते में फाइबर की भरपूर मात्रा होने के कारण, यह पेट को लंबे समय तक भरा रखता है।
- पपीता हृदय स्वास्थ्य के लिए भी अच्छा है। कच्चा पपीता हृदय रोग के जोखिम को कम करता है।
- कच्चा पपीता आँखों के स्वास्थ्य को भी बेहतर बनाता है। इससे उम्र से संबंधित आँखों की समस्याएँ नहीं होतीं।
- कच्चा पपीता सूजन-रोधी गुणों से भरपूर होता है और शरीर से सूजन दूर करता है।
- इसके एंटी-एजिंग प्रभाव त्वचा पर भी दिखाई देते हैं, जिससे त्वचा जवां बनी रहती है।
अस्वीकरण: इस लेख में दी गई जानकारी केवल शैक्षिक और सामान्य जानकारी के उद्देश्यों के लिए है। यह किसी भी प्रकार की चिकित्सीय सलाह, निदान या उपचार का विकल्प नहीं है। आपकी व्यक्तिगत स्वास्थ्य स्थितियाँ और ज़रूरतें अलग-अलग हो सकती हैं, इसलिए कोई भी निर्णय लेने से पहले विशेषज्ञ की सलाह लेना ज़रूरी है।
