गूगल के फायदे: अगर आप भी जोड़ों के दर्द, सूजन, थकान या पेट की समस्याओं से परेशान हैं, तो आयुर्वेद में एक ऐसी औषधि है जो हज़ारों सालों से इलाज का हिस्सा रही है, वह है गूगल। यह औषधि ‘कोमिफोरा मुकुल’ नामक पौधे से प्राप्त होती है और संस्कृत में इसे ‘गुग्गल’, ‘महिषाक्ष’ और ‘पद्म’ जैसे नामों से जाना जाता है।
1000 से ज़्यादा रोगों में लाभकारी
आयुर्वेद के प्रमुख ग्रंथों, जैसे चरक संहिता, में गुग्गल को मोटापा कम करने में उपयोगी बताया गया है, जबकि सुश्रुत संहिता में 1000 से ज़्यादा रोगों के उपचार में इसका उल्लेख है।
शल्य चिकित्सा से संबंधित सूजन और शरीर की आंतरिक सफाई में भी इसे कारगर माना जाता है। सुबह उठते ही पेट में जलन होती है? सावधान! शरीर में इस विटामिन की कमी है, तो अभी ध्यान दें, वरना हो जाएँगे इस गंभीर बीमारी के शिकार
गैस से लेकर हार्मोनल असंतुलन तक में कारगर
अमरूद में क्रोमियम, एंटीऑक्सीडेंट और ज़रूरी विटामिन पाए जाते हैं, जो इसे शरीर के लिए और भी ज़्यादा फ़ायदेमंद बनाते हैं। यह कब्ज, गैस, खट्टी डकार, एसिडिटी और बवासीर जैसी पेट की समस्याओं से भी राहत दिलाता है।
इसके अलावा, यह त्वचा रोग, रक्त विकार, कान की दुर्गंध और हार्मोनल समस्याओं में भी कारगर है। खासकर ‘कांचनार गुग्गल’ को थायराइड और पीसीओडी जैसी बीमारियों में फायदेमंद माना जाता है।
शरीर की गहराई से सफाई करता है।
इसकी गर्म तासीर और कड़वा स्वाद शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करता है। यह शरीर को अंदर से शुद्ध करने और रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में मदद करता है।
हालाँकि, गुग्गल का सेवन हमेशा किसी आयुर्वेदिक विशेषज्ञ की सलाह से ही करना चाहिए क्योंकि हर व्यक्ति का स्वभाव और रोग अलग-अलग होते हैं। सही मात्रा और सही तरीके से इसका सेवन लंबे समय तक स्वास्थ्य बनाए रखने में मदद कर सकता है।
अस्वीकरण: इस लेख में दी गई जानकारी केवल शैक्षिक और सामान्य जानकारी के उद्देश्यों के लिए है। यह किसी भी प्रकार की चिकित्सा सलाह, निदान या उपचार का विकल्प नहीं है। आपकी व्यक्तिगत स्वास्थ्य स्थितियाँ और ज़रूरतें अलग-अलग हो सकती हैं, इसलिए कोई भी निर्णय लेने से पहले विशेषज्ञ की सलाह लेना ज़रूरी है।
