आज की भागदौड़ भरी ज़िंदगी में हर कोई किसी न किसी बीमारी से ज़रूर परेशान रहता है। इन बीमारियों से बचने के लिए लोग तमाम तरह की दवाइयों का इस्तेमाल करते हैं। इन बीमारियों में से कुछ बीमारियाँ इलाज के बाद ठीक हो जाती हैं लेकिन कुछ बीमारियाँ इलाज के बावजूद पूरी तरह से खत्म नहीं हो पातीं।
अगर बात करें मधुमेह जैसी बीमारी की, तो आजकल आधे से ज़्यादा लोग इसी बीमारी से पीड़ित हैं। यह बीमारी भी ऐसी है कि चाहे कितना भी इलाज करा लिया जाए, यह जड़ से खत्म नहीं होती। आपको बता दें कि मधुमेह से पीड़ित व्यक्ति को खान-पान से लेकर अन्य कई समस्याओं से गुज़रना पड़ता है।
इस कारण बार-बार पेशाब आने की ज़रूरत के साथ-साथ अत्यधिक प्यास भी लगती है। आपको बता दें कि बार-बार पेशाब आना डायबिटीज का मुख्य लक्षण है।
दरअसल, डायबिटीज के दौरान शरीर की कोशिकाओं में ग्लूकोज की कमी के कारण शरीर को ऊर्जा की आपूर्ति पूरी तरह से नहीं हो पाती, जिससे डायबिटीज के मरीज को हमेशा थकान महसूस होती है और जल्दी भूख लगने लगती है।
लेकिन आज हम आपको एक ऐसे घरेलू नुस्खे के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसके इस्तेमाल से आप डायबिटीज से छुटकारा पा सकते हैं।
इतना ही नहीं, इसका कोई साइड इफेक्ट भी नहीं होगा। जी हाँ, आपको बता दें कि डायबिटीज के लिए यह घरेलू नुस्खा सबसे बेहतरीन है, इसके लिए आपको अंजीर के पत्तों की ज़रूरत होगी।
अब आइए जानते हैं इसका इस्तेमाल कैसे करें?
सबसे पहले एक बबूल का पत्ता लें और अब उसके ऊपर एक हल्की लकड़ी काट लें, फिर बबूल के चिकने हिस्से को अपने तलवे से बाँध लें। आक का तवा आपके तले से चिपकना चाहिए, इसलिए इसे अच्छी तरह से बाँध लें।
इसके बाद, बबूल के पत्ते को रात भर अपने तलवे में बाँधकर छोड़ दें जैसा कि आप तस्वीरों में देख सकते हैं और फिर सुबह पत्ते को खोल दें। इस प्रक्रिया को लगातार 20 दिनों तक करें। ऐसा करने से आपकी शुगर की समस्या जल्द ही दूर हो जाएगी।
साथ ही, आपको बता दें कि उच्च रक्त शर्करा वाले लोगों को ये सभी खाद्य पदार्थ और ऐसे अन्य खाद्य पदार्थ खाने चाहिए जिनमें फाइबर अधिक और वसा कम हो। साबुत अनाज उच्च रक्त शर्करा वाले सभी लोगों के लिए उपयुक्त नहीं हो सकता है।
अस्वीकरण: इस लेख में दी गई जानकारी केवल शैक्षिक और सामान्य सूचनात्मक उद्देश्यों के लिए है। यह किसी भी प्रकार की चिकित्सा सलाह, निदान या उपचार का विकल्प नहीं है। आपकी व्यक्तिगत स्वास्थ्य स्थितियाँ और ज़रूरतें अलग-अलग हो सकती हैं, इसलिए कोई भी निर्णय लेने से पहले विशेषज्ञ की सलाह लेना ज़रूरी है।
