गुर्दे की पथरी एक दर्दनाक समस्या है। यह समस्या तब होती है जब कैल्शियम, ऑक्सालेट, यूरिक एसिड और अन्य तत्व गुर्दे में क्रिस्टल बना लेते हैं।
गुर्दे की पथरी एक ऐसी स्वास्थ्य स्थिति है जो इलाज के बाद भी बार-बार हो सकती है। यानी एक बार पथरी का इलाज हो जाने के बाद, पथरी बार-बार हो सकती है।
अगर आपको भी हर कुछ महीनों में पथरी की समस्या होती है, तो आज हम आपको एक ज़रूरी जानकारी देते हैं जो आपके लिए मददगार साबित होगी। आज हम आपको बार-बार पथरी बनने का कारण और इससे बचने के कुछ आसान उपाय बताते हैं।
पथरी बार-बार क्यों होती है?
1. कम पानी पीना बार-बार पथरी होने का सबसे बड़ा कारण है। कम पानी पीने से गुर्दे में खनिज जमा होने लगते हैं, जो धीरे-धीरे पथरी में बदल जाते हैं। जो लोग कम पानी पीते हैं, उनमें भी पथरी होने का खतरा बढ़ जाता है, और जो लोग कम पानी पीते हैं, उन्हें पथरी होने की संभावना ज़्यादा होती है।
2. पथरी के दोबारा होने का एक और कारण गलत खान-पान है। ज़्यादा नमक, ज़्यादा चीनी या ज़्यादा प्रोटीन वाला आहार गुर्दे की पथरी के खतरे को बढ़ा देता है। इसके अलावा, पालक, चॉकलेट और मांसाहारी खाद्य पदार्थ जैसे ऑक्सालेट से भरपूर खाद्य पदार्थ गुर्दे की पथरी को बढ़ावा देते हैं।
3. अगर परिवार में किसी को पथरी की समस्या रही है, तो संभव है कि परिवार के अन्य सदस्यों को भी पथरी हो जाए।
4. कुछ चिकित्सीय स्थितियाँ भी पथरी के जोखिम को बढ़ा देती हैं। जैसे उच्च रक्तचाप, मधुमेह और पेट की समस्याएँ भी बार-बार किडनी फेल होने का कारण बन सकती हैं।
पथरी से बचाव के उपाय
– पथरी से बचने के लिए कम से कम दो से तीन लीटर पानी पिएँ दिन में पानी की मात्रा कम से कम 150 मिली।
– संतुलित आहार लें और बहुत ज़्यादा नमकीन, वसायुक्त या मीठा खाने से बचें।
– ज़्यादा वज़न होने से भी पथरी होने का ख़तरा बढ़ जाता है। इसलिए अगर आपका वज़न ज़्यादा है, तो इसे नियंत्रित करें।
– अगर पथरी की समस्या एक बार हो चुकी है, तो नियमित रूप से स्वास्थ्य जाँच करवाते रहें।
अस्वीकरण: इस लेख में दी गई जानकारी केवल शैक्षिक और सामान्य जानकारी के उद्देश्यों के लिए है। यह किसी भी प्रकार की चिकित्सीय सलाह, निदान या उपचार का विकल्प नहीं है। आपकी व्यक्तिगत स्वास्थ्य स्थितियाँ और ज़रूरतें अलग-अलग हो सकती हैं, इसलिए कोई भी निर्णय लेने से पहले विशेषज्ञ की सलाह लेना ज़रूरी है।
