विटामिन-बी12 की कमी कोई आम समस्या नहीं है। इसे नज़रअंदाज़ करने से शरीर बीमारियों का घर बन जाता है। दरअसल, विटामिन-बी12 की कमी से कमज़ोरी, लगातार थकान, एनीमिया, हाथ-पैरों में झुनझुनी, शरीर का पीला पड़ना, मुँह के छाले, अवसाद और मूड स्विंग जैसी समस्याएँ हो सकती हैं।
इसलिए, विटामिन-बी12 की कमी के लक्षणों को नज़रअंदाज़ करने की गलती कभी नहीं करनी चाहिए। हालाँकि, इसकी एक और विशेषता है, जो अक्सर रात में ही दिखाई देती है।
दूध और डेयरी उत्पाद
दूध, दही, पनीर और चीज़ जैसे डेयरी उत्पाद विटामिन बी12 से भरपूर होते हैं। शाकाहारियों के लिए यह विटामिन बी12 का एक अच्छा विकल्प है। रोज़ाना एक गिलास दूध या एक कटोरी दही का सेवन शरीर में विटामिन बी12 की ज़रूरत पूरी करता है।
मछली
विटामिन B12 सैल्मन, टूना और सार्डिन जैसी मछलियों में प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। इसमें ओमेगा-3 फैटी एसिड भी होता है, जो हृदय और मस्तिष्क के लिए फायदेमंद होता है। सप्ताह में 2-3 बार मछली खाने से B12 की कमी को दूर किया जा सकता है।
चिकन और मांस
मांसाहारियों के लिए, चिकन, अंडे और रेड मीट विटामिन B12 के बेहतरीन स्रोत हैं। लिवर में विशेष रूप से B12 प्रचुर मात्रा में होता है। हालाँकि, इनका सेवन सीमित मात्रा में करें।
फोर्टिफाइड खाद्य पदार्थ
चूँकि विटामिन B12 का सबसे अच्छा स्रोत मांसाहारी खाद्य पदार्थ हैं, इसलिए शाकाहारियों के लिए अलग से विटामिन B12 मिलाया जाता है। इन्हें फोर्टिफाइड खाद्य पदार्थ कहा जाता है।
फोर्टिफाइड अनाज, सोया दूध और मेवे जैसे खाद्य पदार्थ विटामिन B12 के अच्छे स्रोत हो सकते हैं। बाजार में उपलब्ध कुछ ब्रांड के दूध और ब्रेड में भी B12 मिलाया जाता है, जो शरीर की ज़रूरतों को पूरा कर सकता है।
अस्वीकरण: इस लेख में दी गई जानकारी केवल शैक्षिक और सामान्य जानकारी के उद्देश्यों के लिए है। यह किसी भी प्रकार की चिकित्सा सलाह, निदान या उपचार का विकल्प नहीं है। आपकी व्यक्तिगत स्वास्थ्य स्थितियाँ और ज़रूरतें अलग-अलग हो सकते हैं, इसलिए कोई भी निर्णय लेने से पहले विशेषज्ञ की सलाह लेना ज़रूरी है।
