हाल ही में, दो प्रमुख भारतीय कंपनियों के 4 मसालों पर विदेशों में प्रतिबंध लगा दिया गया था क्योंकि उनमें हानिकारक और कैंसर पैदा करने वाले रसायन पाए गए थे। अब 5 भारतीय कंपनियों के मसालों में भी कुछ ऐसा ही देखने को मिला है।
आज के लेख में, हम आपको इन हानिकारक मसालों और उनमें पाए जाने वाले हानिकारक रसायनों के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी देंगे।
1. भारत में खाने के लिए असुरक्षित मसाले
भारतीय मसाले इतने लोकप्रिय हैं कि उन्होंने अंग्रेजों को भी आकर्षित किया। अपने स्वाद के कारण, भारतीय मसाले आज भी दुनिया भर में अपनी जड़ें जमाए हुए हैं। कुछ दिन पहले खबर आई थी कि हांगकांग और सिंगापुर में दो प्रमुख भारतीय कंपनियों के चार मसालों पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।
2. भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण
(FSSAI) अक्सर कहता था कि खुले मसाले मिलावटी हो सकते हैं, इन्हें न खाएँ, लेकिन अब बड़े ब्रांडों पर भी भरोसा करना मुश्किल होता जा रहा है।
TOI की एक रिपोर्ट के अनुसार, 8 मई को राजस्थान सरकार ने 93 नमूने एकत्र किए जिनमें पाँच प्रमुख भारतीय मसालों के मसाले पाए गए। इन भारतीय मसाला ब्रांडों के नमूने असुरक्षित हैं।
एमडीएच, एवरेस्ट, गजानंद, श्याम और शीबा ताज़ा मसालों में विवादास्पद रसायनों की मात्रा अधिक पाई गई। इन रसायनों के अत्यधिक सेवन से कैंसर जैसी गंभीर बीमारियाँ हो सकती हैं। भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम के तहत इनके विरुद्ध तत्काल कार्रवाई की जा रही है।
रिपोर्ट के अनुसार, एमडीएच के गरम मसाले में एसिटामिप्रिड, थियामेथोक्सम और इमिडाक्लोप्रिड मौजूद थे, जबकि शकरकंद और चना मसाले में ट्राइसाइक्लाज़ोल और प्रोफेनोफोस की मात्रा ज़्यादा थी। इन रसायनों की ज़्यादा मात्रा हानिकारक साबित हो सकती है।
4. थियामेथोक्सम के नुकसान
थियामेथोक्सम नामक यह रसायन इसका उपयोग कीटनाशक के रूप में किया जाता है। अध्ययनों के अनुसार, यदि लंबे समय तक इसका उपयोग किया जाए तो यह रसायन मस्तिष्क, यकृत और महिला प्रजनन स्वास्थ्य को गंभीर नुकसान पहुँचा सकता है।
5. एवरेस्ट, श्याम, गजानंद और शीबा ताज़ा के मसाले
एवरेस्ट के जीरा मसाला, श्याम के गरम मसाला, गजानंद के अथाना मसाला और शीबा ताज़ा के रायता मसाला में एसिटामिप्रिड, थायमेथोक्सम, एथियोन और एज़ोक्सीस्ट्रोबिन भी पाए गए, जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हैं।
6. कैंसर का खतरा
कीटनाशक हमेशा से मनुष्यों के लिए खतरनाक रहे हैं, लेकिन उनकी खतरनाकता इस बात पर भी निर्भर करती है कि उनका कितना सेवन किया जाता है और वे कैंसरकारी हैं या नहीं।
अध्ययनों के अनुसार, थायमेथोक्सम चूहों में यकृत कैंसर के खतरे को बढ़ाता है। इसलिए, इन कीटनाशकों का अत्यधिक उपयोग मनुष्यों के लिए खतरनाक माना जाता है।
अस्वीकरण: इस लेख में दी गई जानकारी केवल शैक्षिक और सामान्य जानकारी के उद्देश्यों के लिए है। यह किसी भी प्रकार की चिकित्सीय सलाह, निदान या उपचार का विकल्प नहीं है। आपकी व्यक्तिगत स्वास्थ्य स्थितियाँ और ज़रूरतें अलग-अलग हो सकती हैं, इसलिए कोई भी निर्णय लेने से पहले विशेषज्ञ की सलाह लेना ज़रूरी है।
