बस इस कार्ड को चबाएँ, कब्ज़ के लक्षण गायब हो जाएँगे! पाचन तंत्र भी पहले जैसा काम करेगा…

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आमतौर पर हर किसी को जीवन में कभी न कभी कब्ज की समस्या होती है और यह समस्या कमज़ोर पाचन तंत्र वाले लोगों में ज़्यादा होती है। पिज्जा, बर्गर, ब्रेड और नूडल्स जैसे सादे व्यंजन भी पाचन तंत्र को कमज़ोर करने का काम करते हैं। जिससे कब्ज की समस्या बढ़ जाती है।

कब्ज से राहत के उपाय

कब्ज केवल पेट की समस्या नहीं है, बल्कि यह हमारे पूरे शरीर को प्रभावित करती है। पेट साफ न रहने से गैस और एसिडिटी बढ़ जाती है। मेटाबॉलिज्म धीमा हो जाता है और वजन बढ़ने लगता है। पेट साफ न होने से शरीर सक्रिय नहीं रहता और धीरे-धीरे कब्ज कई गंभीर बीमारियों का कारण बनता है।

आमतौर पर, कब्ज पेट खराब होने के कारण होता है। जिसमें व्यक्ति सुबह ठीक से फ्रेश नहीं हो पाता। कब्ज के कारण पेट में भारीपन, ऐंठन और दर्द होता है। कम पानी पीने, गलत खाना खाने, कम फाइबर और रूखी चीजें खाने से कब्ज की समस्या होती है।

शारीरिक गतिविधि की कमी के कारण भी कब्ज हो सकता है। अगर कब्ज लंबे समय तक बना रहे, तो यह अन्य स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बनने लगता है। कब्ज पाचन तंत्र को प्रभावित करता है। पेट की समस्याएं होने लगती हैं।

हालांकि, खान-पान और स्वस्थ जीवनशैली से कब्ज से राहत पाई जा सकती है। इसके अलावा, कुछ घरेलू उपाय भी कब्ज से राहत दिला सकते हैं। नागरवेल कब्ज दूर करने का एक कारगर उपाय; इसका उचित सेवन कब्ज से छुटकारा पाने में मदद कर सकता है।

कब्ज दूर करने के लिए नागरवेल के पत्ते कैसे खाएँ?

जिन लोगों को कब्ज की समस्या है, उन्हें ताज़ी हरी पत्तियाँ चबानी चाहिए। इसके लिए, पत्तियों को धोकर ध्यान रखें कि वे बिल्कुल ताज़ी हों। नागरवेल के पत्तों को आधे घंटे के लिए पानी में भिगो दें। अब इन्हें पानी से निकालकर एक प्लेट में रख लें।

नागरवेल के पत्ते सुबह खाली पेट या भोजन से कुछ देर पहले खाएं। पत्तों को तब तक अच्छी तरह चबाएँ जब तक कि उनका पेस्ट न बन जाए। नागरवेल के पत्तों में रेजिन और एंटीऑक्सीडेंट होते हैं जो पेट में पहुँचने पर पाचन तंत्र को बेहतर बनाते हैं। इसलिए, दिन में कम से कम 1-2 बार नागरवेल चबाएँ।

नागरवेल के फायदे कब्ज

नागरवेल के पत्ते फाइबर से भरपूर होते हैं। इनमें एंटीऑक्सीडेंट होते हैं जो पाचन क्रिया को बेहतर बनाने में मदद करते हैं। नागरवेल पेट की समस्याओं से भी राहत दिलाता है। नागरवेल के पत्तों को पेट की एक बेहतरीन औषधि माना जाता है।

इसके सेवन से शरीर में जमा गंदगी बाहर निकलती है। शरीर डिटॉक्सीफाई होता है और पाचन क्रिया बेहतर होती है। नागरवेल गैस, एसिडिटी और सूजन में भी फायदेमंद है। कुछ दिनों तक लगातार नागरवेल खाने से पुरानी कब्ज से भी राहत मिलती है।

अस्वीकरण: इस लेख में दी गई जानकारी केवल शैक्षिक और सामान्य जानकारी के उद्देश्यों के लिए है। यह किसी भी प्रकार की चिकित्सीय सलाह, निदान या उपचार का विकल्प नहीं है। आपकी व्यक्तिगत स्वास्थ्य स्थितियाँ और ज़रूरतें अलग-अलग हो सकती हैं, इसलिए कोई भी निर्णय लेने से पहले विशेषज्ञ की सलाह लेना ज़रूरी है।

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