पित्ताशय की थैली एक आम दीर्घकालिक बीमारी है, जो धीरे-धीरे शुरू होती है और गंभीर हो जाती है। जब पथरी की बात आती है, तो लोग अक्सर गुर्दे के बारे में सोचते हैं क्योंकि ज़्यादातर लोग सोचते हैं कि पथरी सिर्फ़ गुर्दे में ही बनती है, लेकिन यह सच नहीं है। शरीर के अन्य हिस्सों में भी पथरी बन सकती है। पथरी होना ठीक है, लेकिन शरीर में पथरी होने के क्या कारण हैं? शरीर के अंदर पथरी कैसे बनने लगती है? आइए जानें क्यों।
पथरी कहाँ बनती है?
सबसे पहले, आइए जानते हैं कि शरीर के किन अंगों में पथरी बनती है। पथरी की बात करें तो, गुर्दे के अलावा पित्ताशय, गले में पथरी बनती है जिसे टॉन्सिल स्टोन कहते हैं और मूत्राशय में भी पथरी बनती है।
पथरी कैसे बनती है?
सबसे पहले, आइए गुर्दे की पथरी के बारे में जानते हैं। इसके बनने के कई कारण हो सकते हैं, जिनमें आनुवंशिक या पारिवारिक इतिहास, मोटापा, मधुमेह, निर्जलीकरण, जंक फ़ूड का सेवन, दस्त और मूत्रमार्ग संक्रमण (यूटीआई) शामिल हैं। गुर्दे की पथरी का एक कारण शरीर में कैल्शियम का अत्यधिक जमाव है। टॉन्सिल की पथरी के कारणों में टॉन्सिल में संक्रमण, मुँह में जल्दी न घुलने वाले खाद्य पदार्थ और मुँह के अंदर बैक्टीरिया का जमाव शामिल हैं। कोलेस्ट्रॉल पित्ताशय की पथरी बनने का प्रमुख कारण है। पित्ताशय में रासायनिक जमाव भी पथरी बनने का एक कारण है। कैल्शियम भी पित्ताशय की पथरी बनने का एक कारण है।
कुछ स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि कभी-कभी गुर्दे या पित्ताशय की पथरी बनने पर कोई लक्षण नहीं दिखाई देते। ऐसे में ये पथरी आंत के रास्ते मूत्राशय तक पहुँच जाती है और रुकावट पैदा करती है, जिससे सूजन और संक्रमण की समस्या बढ़ जाती है। बीबीसी वेबसाइट पर शेयर किए गए एक वीडियो के अनुसार, अगर पथरी बड़ी है, तो यह शरीर के अन्य हिस्सों से जुड़ी नलियों से भी जुड़ सकती है, जिससे जोखिम बढ़ जाता है।
क्या समस्याएं हो सकती हैं?
जब पथरी जुड़ती है शरीर के अन्य अंगों में जाकर एक जगह जमा हो जाने पर ये कई अन्य समस्याओं का कारण बनते हैं। रुकावट के कारण पाचन क्रिया प्रभावित होती है। पथरी लीवर में सूजन पैदा कर सकती है। अगर संक्रमण रक्त में फैल जाए, तो पीलिया हो सकता है। साथ ही, अगर पथरी शरीर में फंस जाए, तो मरीज की मौत भी हो सकती है। डॉक्टरों के अनुसार, भारत में पित्ताशय की पथरी के मामले अन्य देशों की तुलना में सबसे ज़्यादा हैं।
विशेषज्ञ की क्या राय है?
पथरी की समस्या से बचने के लिए, अगर आपको रोज़ाना अचानक किसी भी तरह का पेट दर्द होता है, तो एक बार डॉक्टर से जाँच ज़रूर करवाएँ। इसके अलावा, संतुलित आहार लें, शारीरिक रूप से सक्रिय रहें, नियमित जाँच करवाएँ और वसायुक्त खाद्य पदार्थों के सेवन पर नियंत्रण रखें।
प्रारंभिक लक्षण
- पेट में दर्द।
- बुखार।
- मतली
- पेशाब करने की आदतों में बदलाव।
- पेशाब का रंग बदलना।
- पेट के दाहिनी ओर दर्द पित्ताशय की पथरी का संकेत है।
- पीलिया भी पित्ताशय की पथरी का संकेत है।
अस्वीकरण: इस लेख में दी गई जानकारी केवल शैक्षिक और सामान्य जानकारी के उद्देश्यों के लिए है। यह किसी भी प्रकार की चिकित्सा सलाह, निदान या उपचार का विकल्प नहीं है। आपकी व्यक्तिगत स्वास्थ्य स्थितियाँ और ज़रूरतें अलग-अलग हो सकती हैं, इसलिए कोई भी निर्णय लेने से पहले विशेषज्ञ की सलाह लेना ज़रूरी है।
