कभी-कभी छोटी-छोटी चीज़ें भी बीमारी का कारण बन सकती हैं। ये कारण ऐसे होते हैं जिनके बारे में आप सोच भी नहीं सकते।
बदलना क्यों ज़रूरी है?
लंबे समय तक इस्तेमाल से इन चीज़ों में कीटाणु और बैक्टीरिया पनपने का खतरा रहता है। जैसे चादरें या तकिये के कवर को धोकर साफ़ किया जा सकता है। लेकिन दरी और तकिये को धोया नहीं जा सकता। ऐसे में इनमें धीरे-धीरे गंदगी और बैक्टीरिया जमा हो जाते हैं। इसलिए इन्हें बदलना ज़रूरी है।
बांस के बर्तन: कई लोग रसोई में बांस के बर्तनों का इस्तेमाल करते हैं। विशेषज्ञों के अनुसार इन्हें हर 2 से 3 साल में बदल देना चाहिए। लंबे समय तक इस्तेमाल से फंगस लग सकता है। इसके अलावा, नमी के संपर्क में आने से बैक्टीरिया का खतरा भी बढ़ सकता है।
बर्तन धोने वाले स्पंज: बर्तन धोने वाले स्पंज पर बैक्टीरिया सबसे तेज़ी से पनपते हैं। ऐसे में आप कीटाणुओं को मारने के लिए गीले स्पंज को रोज़ाना 1 मिनट के लिए माइक्रोवेव में गर्म कर सकते हैं। इसके अलावा, विशेषज्ञ हर 1 से 2 हफ़्ते में स्पंज बदलने की सलाह देते हैं।
कटिंग बोर्ड: रसोई में सुबह-शाम इस्तेमाल होने वाले कटिंग बोर्ड को हर डेढ़ साल में बदलना ज़रूरी है। कच्चे मांस, मुर्गी और सब्ज़ियों के लिए अलग कटिंग बोर्ड इस्तेमाल करने चाहिए।
नॉन-स्टिक पैन: रसोई में इस्तेमाल होने वाले नॉन-स्टिक कोटिंग वाले पैन समय के साथ खराब हो सकते हैं और खाने में हानिकारक रसायन छोड़ सकते हैं। ऐसे में अच्छी क्वालिटी का पैन या नॉन-स्टिक बर्तन खरीदें। इसे हर 3 से 5 साल में बदलें।
तकिया: आपका तकिया एलर्जी और सांस लेने में तकलीफ पैदा कर सकता है। इसलिए किसी भी तकिये का इस्तेमाल 1 से 2 साल तक ही करें। क्योंकि समय के साथ तकिये में मृत त्वचा कोशिकाएं, धूल के कण और पसीना जमा हो जाता है।
गद्दा: गद्दे को हर 2 महीने में धूप में ज़रूर रखें। साथ ही, लकड़ी की मदद से उसमें जमी धूल को हटाने की कोशिश करें। साथ ही, समय-समय पर गद्दे को घुमाते और इस्तेमाल करते रहें। चादर के अलावा गद्दे का कवर भी रखें और किसी भी गद्दे का इस्तेमाल केवल 7 से 10 वर्षों के लिए।
अस्वीकरण: इस लेख में दी गई जानकारी केवल शैक्षिक और सामान्य जानकारी के उद्देश्यों के लिए है। यह किसी भी प्रकार की चिकित्सीय सलाह, निदान या उपचार का विकल्प नहीं है। आपकी व्यक्तिगत स्वास्थ्य स्थितियाँ और ज़रूरतें अलग-अलग हो सकती हैं, इसलिए कोई भी निर्णय लेने से पहले विशेषज्ञ की सलाह लेना ज़रूरी है।
