दुनिया भर में हृदय रोग के मामले तेज़ी से बढ़ रहे हैं। भारत में इससे सबसे ज़्यादा मौतें होती हैं। एक रिपोर्ट के अनुसार, देश में हर तीन में से एक मौत हृदय रोग से होती है।
ऐसे में, विशेषज्ञों का मानना है कि अगर 50 साल से ज़्यादा उम्र के लोगों को कोलेस्ट्रॉल और रक्तचाप नियंत्रित करने वाली दवाओं की रोज़ाना खुराक दी जाए, तो हज़ारों दिल के दौरे और स्ट्रोक को रोका जा सकता है। एक नए अध्ययन के अनुसार, ‘पॉलीपिल’ नामक एक गोली बुजुर्गों में दिल के दौरे और स्ट्रोक की घटनाओं को एक तिहाई तक कम कर सकती है।
पॉलीपिल का प्रभाव
अध्ययन में, शोधकर्ताओं ने पाया कि इस गोली के सेवन से 50 वर्ष और उससे अधिक आयु के लोगों में दिल का दौरा और स्ट्रोक का खतरा एक-तिहाई कम हो गया। इससे पता चलता है कि यह दवा हृदय पर दबाव कम करती है और उसके कार्य को सहारा देती है, जिससे जीवन के लिए खतरा पैदा नहीं होता।
नियमित जाँच के बजाय गोली
ब्रिटिश मेडिकल जर्नल (BMJ) में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, 40 से 74 वर्ष की आयु के लोगों को दी जाने वाली पाँच-वर्षीय स्वास्थ्य जाँच के स्थान पर पॉलीपिल को लागू किया जा सकता है। अध्ययन के अनुसार, यदि यह कार्यक्रम लागू होता है, तो केवल 8 प्रतिशत लोगों को ही गोली लेने से महत्वपूर्ण लाभ होगा।
शोध और उसके परिणाम
शोध में यह भी कहा गया है कि 2003 में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, अगर 55 वर्ष से अधिक आयु के लोगों को यह गोली दी जाए, तो लगभग 80 प्रतिशत दिल के दौरे और स्ट्रोक से बचा जा सकता है।
इसके अलावा, पाँच साल तक पॉलीपिल लेने वाले बुजुर्गों में गंभीर हृदय संबंधी घटनाओं का जोखिम एक तिहाई कम हो गया।
अस्वीकरण: इस लेख में दी गई जानकारी केवल शैक्षिक और सामान्य जानकारी के उद्देश्यों के लिए है। यह किसी भी प्रकार की चिकित्सा सलाह, निदान या उपचार का विकल्प नहीं है। आपकी व्यक्तिगत स्वास्थ्य स्थितियाँ और ज़रूरतें अलग-अलग हो सकती हैं, इसलिए कोई भी निर्णय लेने से पहले विशेषज्ञ की सलाह लेना ज़रूरी है।
