फूलों का इस्तेमाल पूजा-पाठ या घर की सजावट में किया जाता है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि कई फूल ऐसे भी हैं जिनका इस्तेमाल शरीर की कई बीमारियों और दर्द को दूर करने में किया जा सकता है। जी हाँ, इन फूलों में ऐसे गुण होते हैं जिनका इस्तेमाल करना फायदेमंद होता है।
क्या आप हर्सिंगर के फूलों के बारे में जानते हैं?
इसे पारिजात के फूल के नाम से भी जाना जाता है। ये फूल सूजनरोधी यानी एंटी-इंफ्लेमेटरी फूल माने जाते हैं। इसमें फ्लेवोनोइड्स और ग्लाइकोसाइड्स होते हैं, जो रक्त संचार को भी दुरुस्त रखते हैं। इन फूलों का इस्तेमाल दर्द निवारक गोलियों में भी किया जाता है।
हरसिंगार के फूलों के स्वास्थ्य लाभ
- पारिजात या हरसिंगार के फूल गठिया के रोगियों के लिए लाभकारी माने जाते हैं। आचार्य बालकृष्ण ने हड्डियों, जोड़ों और मांसपेशियों के दर्द से राहत पाने के लिए इसके काढ़े या चाय की भी सलाह दी है।
- मांसपेशियों और जोड़ों के दर्द से राहत देता है। हरसिंगार के फूल में सूजन-रोधी गुण भरपूर मात्रा में होते हैं, जो सूजन और दर्द को कम करने में मदद करते हैं।
- हरसिंगार के फूल में प्राकृतिक दर्द निवारक गुण होते हैं गुण, जो सिरदर्द और माइग्रेन को कम कर सकते हैं।
- हरसिंगार के फूलों का सेवन पेट फूलने और गैस की समस्या को कम करता है।
- हरसिंगार के फूलों में एंटीऑक्सीडेंट होते हैं, जो शरीर में सूजन और बैक्टीरिया के संक्रमण को कम करते हैं।
- इन फूलों का उपयोग सर्दियों के मौसम में शरीर के दर्द को कम कर सकता है। ये फूल त्वचा संबंधी समस्याओं को दूर करते हैं।
हरसिंगार के फूल का इस्तेमाल कैसे करें?
1. हरसिंगार का काढ़ा बनाएँ- इसे बनाने के लिए, आपको हरसिंगार के पत्ते और फूल तोड़कर उन्हें अच्छी तरह साफ़ करना होगा। इसके बाद, एक बर्तन में पानी गरम करें और उसमें ये पत्ते डालकर उबालें। आपको इसे तब तक उबालना है जब तक यह पककर आधा न रह जाए। इसके बाद, काढ़े को छानकर पी लें। इस काढ़े को दिन में दो बार पिया जा सकता है।
2. हरसिंगार का तेल – इसका तेल बनाने के लिए आपको इसके फूलों और पत्तियों को सरसों के तेल में कुछ देर उबालना होगा। इसके बाद, तेल को छानकर रख लें। आपको इस तेल का इस्तेमाल अपने घुटनों, जोड़ों और दर्द वाली जगहों पर करना होगा।
अस्वीकरण: इस लेख में दी गई जानकारी केवल शैक्षिक और सामान्य जानकारी के उद्देश्यों के लिए है। यह किसी भी प्रकार की चिकित्सा सलाह, निदान या उपचार का विकल्प नहीं है। आपकी व्यक्तिगत स्वास्थ्य स्थितियाँ और ज़रूरतें अलग-अलग हो सकती हैं। इसलिए कोई भी निर्णय लेने से पहले विशेषज्ञ की सलाह लेना ज़रूरी है।
